नई शिक्षा नीति 2020 - New Education policy 2020 in hindi

New Education Policy नई शिक्षा नीति 2020

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Updated New Education Policy 2020 - नई शिक्षा नीति 2020 को बहुत लम्बे समय बाद आज दिनाँक 29 जुलाई 2020 को मंजूरी मिल गयी है 3 वर्षों से भी अधिक समय तक इसमें अध्यापकों, छात्रों , राज्य सरकारों, जनप्रतिनिधियों एवं शिक्षाविदों के साथ परमर्श किया गया जिससे यह शिक्षा नीति 2020, 21वीं सदी के भारत को अपने वैभव को प्राप्त करने में सहायक हो।

नई शिक्षा नीति नीति 2020, 1986 की शिक्षा नीति की जगह लेगी इसमें शिक्षा का अधिकार ( Right to Education RIT ) क़ानून को ब्यापक बनाया गया है अब इसमें 3 साल से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा के अधिकार कानून 2009 के अंतर्गत लिया जाएगा।
                 

 New Education Policy 2020 - नई शिक्षा नीति

       भारत की नई शिक्षा नीति में बदलाव के अहम बिन्दु :-

● - मानव संसाधन विकास मंत्रालय (𝐌𝐇𝐑𝐃) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया जाएगा।

● - मल्टिपल एंट्री और एग्ज़िट सिस्टम में पहले साल के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल बाद डिग्री दी जाएगी।

● - अब कला, संगीत, शिल्प, खेल, योग, सामुदायिक सेवा जैसे सभी विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इन्हें सहायक पाठ्यक्रम (𝐜𝐨-𝐜𝐮𝐫𝐫𝐢𝐜𝐮𝐥𝐚𝐫) या अतिरिक्त पाठ्यक्रम ( 𝐞𝐱𝐭𝐫𝐚- 𝐜𝐮𝐫𝐫𝐢𝐜𝐮𝐥𝐚𝐫) नहीं कहा जाएगा।

● - आयोग ने शिक्षकों के प्रशिक्षण में व्यापक सुधार के लिए शिक्षक प्रशिक्षण और सभी शिक्षा कार्यक्रमों को विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के स्तर पर शामिल करने की सिफारिश की है।

● - आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, समानता और पर्यावरण की देख - रेख, वैज्ञानिक उन्नति और सांस्कृतिक संरक्षण के नेतृत्व का समर्थन करेगा।

● - 𝟰 साल का डिग्री प्रोग्राम फिर 𝐌.𝐀. और उसके बाद बिना 𝐌.𝐏𝐡𝐢𝐥 के सीधा 𝐏𝐡𝐃 कर सकते हैं।

● - सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि 𝐆𝐃𝐏 का 𝟲% शिक्षा में लगाया जाए जो अभी 𝟰.𝟰𝟯% है। इसमें बढ़ोतरी करके शिक्षा का क्षेत्र बढ़ाया जाएगा।


● - प्राथमिक स्तर पर शिक्षा में बहुभाषिकता को प्राथमिकता के साथ शामिल करने और ऐसे भाषा शिक्षकों की उपलब्धता को महत्व दिया दिया गया है । पहली से पाँचवी तक जहाँ तक संभव हो मातृभाषा का इस्तेमाल शिक्षण के माध्यम के रूप में किया जाये। जहाँ घर और स्कूल की भाषा अलग-अलग है, वहां दो भाषाओं के इस्तेमाल का सुझाव दिया गया है।

● - पहली व दूसरी कक्षा में भाषा व गणित पर काम करने पर जोर देने की बात नई शिक्षा नीति के मसौदे में है। इसके साथ ही चौथी व पाँचवीं के बच्चों के साथ लेखन कौशल पर काम करने पर भी ध्यान देने की बात कही गई है। भाषा सप्ताह, गणित सप्ताह व भाषा मेला व गणित मेला जैसे आयोजन करने की बात भी इस प्रारूप में लिखी गई है।

● - लड़कियों की शिक्षा जारी रहे इसके लिए उनको भावनात्मक रूप से सुरक्षित वातावरण देने का सुझाव दिया गया है। कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय का विस्तार 𝟭𝟮वीं तक करने का सुझाव नई शिक्षा नीति-𝟮𝟬𝟭𝟵 के मसौदे में किया गया है।

● - शिक्षकों के सपोर्ट के लिए तकनीकी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की बात भी नई शिक्षा नीति-𝟮𝟬𝟭𝟵 के मसौदे में है। इसके लिए कंप्यूटर, लैपटॉप व फोन इत्यादि के जरिए विभिन्न ऐप का इस्तेमाल करके शिक्षण को रोचक बनाने की बात कही गई है।

● - 𝐔.𝐒. की 𝐍𝐒𝐅 (नेशनल साइंस फाउंडेशन) की तर्ज पर हम 𝐍𝐑𝐅 (नेशनल रिसर्च फाउंडेशन) ला रहे हैं। इसमें न केवल साइंस बल्कि सोशल साइंस भी शामिल होगा। ये बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करेगा। ये शिक्षा के साथ रिसर्च में हमें आगे आने में मदद करेगा।

● - अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन के लिए कैरिकुलम एनसीईआरटी द्वारा तैयार होगा। इसे 𝟯 से 𝟲 वर्ष के बच्चों के लिए विकसित किया जाएगा। बुनियादी शिक्षा (𝟲 से 𝟵 वर्ष के लिए) के लिए फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु किया जाएगा।

● - पढ़ाई की रुपरेखा 𝟱+𝟯+𝟯+𝟰 के आधार पर तैयारी की जाएगी। इसमें अंतिम 𝟰 वर्ष 𝟵वीं से 𝟭𝟮वीं शामिल हैं।

● - रेमेडियल शिक्षण को मुख्य धारा में शामिल करने जैसा सुझाव दिया गया है। इसके तहत 𝟭𝟬 सालों की परियोजना का प्रस्ताव किया गया है। इसमें स्थानीय महिलाओं व स्वयं सेवकों की भागीदारी हासिल करने की बात कही गई है।

● - इसमें पुस्तकालयों को जीवंत बनाने व गतिविधियों को कराने पर ध्यान देने की बात कही गई है। इसमें कहानी सुनाने, रंगमंच, समूह में पठन, लेखन व बच्चों के बनाये चित्रों व लिखी हुई सामग्री का डिसप्ले करने पर ध्यान देने की बात कही गई है।

● - शिक्षा प्रणाली में बदलाव करते हुए उच्च गुणवत्ता और व्यापक शिक्षा तक सबकी पहुँच सुनिश्चित की गई है। इसके जरिए भारत का निरंतर विकास सुनिश्चित होगा साथ ही वैश्विक मंचों पर


● - इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है।

● - देश में उच्च शिक्षा के लिए एक ही नियामक होगा, इसमें अप्रूवल और वित्त के लिए अलग-अलग वर्टिकल होंगे। वो नियामक 'ऑनलाइन सेल्फ डिसक्लोजर बेस्ड ट्रांसपेरेंट सिस्टम' पर काम करेगा।
 
● - नया कौशल (जैसे कोडिंग) शुरु किया जाएगा। एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज को मेन कैरिकुलम में शामिल किया जाएगा।

● - गिफ्टेड चिल्ड्रेन एवं गर्ल चाइल्ड के लिए विशेष प्रावधान किया गया है। कक्षा 𝟲 के बाद से ही वोकेशनल को जोड़ा जाएगा।

● - नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा जिसमें ईसीई, स्कूल, टीचर्स और एडल्ट एजुकेशन को जोड़ा जाएगा। बोर्ड एग्जाम को भाग में बांटा जाएगा।

● - बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स को जोड़ा जाएगा। जिससे बच्चों में लाइफ स्किल्स का भी विकास हो सकेगा। अभी रिपोर्ट कार्ड में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था।

● - वर्ष 𝟮𝟬𝟯𝟬 को हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। विद्यालयी शिक्षा के निकलने के बाद हर बच्चे के पास कम से कम लाइफ स्किल होगी। जिससे वो जिस क्षेत्र में काम शुरू करना चाहेगा कर सकेगा।

● - नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 𝟮𝟬𝟮𝟬 में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का ऑफर दिया जाएगा। यह संस्थान के लिए अनिवार्य नहीं होगा।

● - पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान पद्धतियों को शामिल करने, 'राष्ट्रीय शिक्षा आयोग' का गठन करने और प्राइवेट स्कूलों को मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने से रोकने की सिफारिश की गई है।

      नई शिक्षा नीति के तहत शैक्षिक नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है और शिक्षक बनने की प्रक्रिया में काफी बदलाव किया गया है  जिसके तहत शिक्षक बनना आसान नहीं होगा और साथ ही साथ B.ED course में भी बड़ा बदलाव किया गया है।

🔴नई शिक्षा नीति B.ED Course🔴

🔷4th year B.ed course after 12th🔷

यदि आप B.ed 12वीं के बाद करना चाहते हैं तो आपके लिए B.Ed कोर्स 4 साल का होगा इसके अंतर्गत 4 साल में आपको ग्रेजुएशन की डिग्री और साथ ही साथ B.Ed की डिग्री भी प्राप्त हो जाएगी ।

 12th आपका जिस subject से होगा यानि Arts अथवा science तो  उसी के subject की आपको यहाँ पर  डिग्री मिलेगी। 

                        यदिआपका 12th science से है  तो आपको B.Sc की डिग्री प्राप्त होगी और साथ में B.Ed की डिग्री भी प्राप्त होगी और यदि आपका 12th Arts से  है तो आपको बीए की डिग्री और साथ ही  B.Ed की डिग्री प्राप्त होगी । इस 4 वर्षीय बीएड कोर्स के तहत आपका Graduation भी complete  हो जाएगा।


🔷योग्यता(Eligiblity)🔷
इस 4 वर्षीय बीएड कोर्स के लिए आपके 12th में GEN student  के 50% तथा ओबीसी और एससी ,ST student के 45% मार्क्स होने अनिवार्य है 


🔸Process🔸 4 वर्षीय  B.Ed के लिए या तो entrence exam आपको qualified करना होगा या  marit base system के तहत आप 4 वर्षीय B.Ed में admission ले सकते हैं जैसे कि graduation में Admission लेने की प्रक्रिया थी।      

                        यह इस पर depend करता है कि जब नई शिक्षा नीति संपूर्ण रूप से लागू हो जाएगी और सभी यूनिवर्सिटी नई शिक्षा नीति को लागू कर देंगी औऱ साथ ही साथ यह university के नियमों पर भी depend करेगा क्योंकि कुछ university marit के आधार पर admission कराती है जबकि कुछ entrance exam के आधार पर।


🔹फायदे- 4 वर्षीय बीएड में सबसे अधिक फायदा यह है कि जो अभ्यर्थी टीचिंग लाइन में जाना चाहते हैं बीएससी के बाद B.Ed करें तो उनके लिए B.ed और बीएससी मिलाकर 5 साल का कोर्स हो जाता है ।

       लेकिन 12th के बाद B.Ed करने पर बीएससी और B.Ed कोर्स मिलाकर 4 साल में complete हो जाएगा जिसमें आपका 1 साल बच जाएगा ।


🔷2 year bed course after graduation🔷

यदि आपने 12th के बाद B.Sc में एडमिशन ले लिया है तो B.Sc complete होने के बाद आप B.ed करना चाहते हैं तो आपको 2 साल का B.Ed कोर्स करना पड़ेगा। 

   यह उन student के लिये करना अनिवार्य हो गया है जो कि अभी बीएससी में है। 

🔹योग्यता(eligible) - GEN student -50%marks in graduation
SC,OBC,ST-45% marks in graduation


🔸Process (प्रक्रिया)- बीएससी के बाद B.Ed करने के लिए आपको किसी university का  B.Ed का entrance exam देना होता है जो कि प्रत्येक साल होता है उसमें Qualified होने पर आपको काउंसलिंग process में participate करना होता है ।

और उसके बाद यदि आपका मेरिट लिस्ट में नाम आता है तो तब जाकर आप उस यूनिवर्सिटी में B.Ed में एडमिशन ले सकते हैं।



🔶1 year B.ED course after Post Graduation🔶

यदि आपने Graduation के बाद post graduation कर लिया है और अब यदि आप Bed करना चाहते हैं तो आपके लिए B.Ed कोर्स यहां पर 1 साल का होगा। 

इससे पहले पोस्ट ग्रेजुएशन वालों के लिए भी B.Ed 2 साल का हुआ करता था लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत इसमें परिवर्तन करके इसे 1 साल का कर दिया गया है जोकि post graduation करने वाले स्टूडेंट के लिए बड़ा ही फायदेमंद होगा।


🔹Eligibility-
ug and pg -50% GEN student
45%- OBC,ST,SC

🔸फायदे -1. lecturer की post के लिये apply कर सकते हो।
2.पहले की अपेक्षा bed 1 साल में होगा


⚫शिक्षक बनने की प्रक्रिया⚫

नई शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षक बनने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है शिक्षक तीन प्रकार के होते हैं प्राइमरी  शिक्षक,माध्यमिक शिक्षक लेक्चरर । 

             इसमें प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती डीएलएड के आधार पर होती थी लेकिन नई शिक्षा के तहत DLED course को हटा दिया गया है तो अब सभी शिक्षकों की भर्ती B.Ed कोर्स के आधार पर होगी -


  • 1.TET qualified
  • 2, Entrance exam
  • 3.साक्षात्कार
  • 4, Demo, skill test


🔵नई शिक्षा नीति 2020 मुख्य बिंदु

  • 1-12वीं के बाद बीएड चार साल, graduation के बाद दो साल post graduation के बाद bed एक वर्ष का होगा।
  • 2.टीचर नियुक्तियों में साक्षात्कार अवश्य लिया जायेगा।
  • 3.शिक्षक छात्र अनुपात 25-1;30-1
  • 4.शिक्षा मित्र,पैरा टीचर,गेस्ट टीचरों की नियुक्ति नही होगी.
  • 5.प्रमोशन में  विभागीय परीक्षा।
  • 6.ऑनलाइन मूल्यांकन।
  • 7.दोपहर के भोजन के अतिरिक्त छात्रों को breakfast भी मिलेगा।
  • 8.अध्यापक पात्रता परीक्षा(TET) के बिना private schools में भी नियुक्त नही होंगे शिक्षक।
  • 9.देश भर में लगभग 10 लाख teachers के खाली पड़े पदों को भरा जायगा।



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